Top Guidelines Of shiv chalisa in hindi
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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर,
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हाथो में त्रिशूल लिए है गले में है सर्पो की माला
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं more info जैसे॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - more info भजन
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख Shiv chaisa हरहु हमारी॥